Wednesday 3 April 2013

+++कर नहीं सकते +++

सच्चाई ही मेरा अस्त्र है,
इसे छोड़ सकते नहीं |
मुहं पर राम छुरी बगल में
रख चल सकते नहीं|
नकाब फरेब का चेहरे पर,
चढ़ा हम सकते नहीं|
आगे बढ़ने एवं प्यार पाने की होड़ में,
दामन झूठ का पकड़ सकते नहीं |
बना कर तिल का ताड़,
हम पेश कर सकते नहीं|
नमक मिर्च लगाकर बातो में,
 दूसरों के आगे
हम रख सकते नहीं|
खबरो को
सुना चटखारे ले ले
मजा यूँ हम ले सकते नहीं|
एक अहसान करके चार गा सकते नहीं,
शायद इसी लिए 'बदनाम' है  पर 'बद'
हम नहीं |...सविता मिश्रा

~लड़कियों के उप्पर भी गुंडई छाई ~

क्या जमाना आ गया है
लोकलाज शर्म हया
नहीं है अब कुछ यहाँ

लड़कियों ने ऐसा कर्म किया
लड़कों को भी है मात दिया
कर रही है अब तो गुंडागर्दी
गालिया दे रही है भद्दी से भद्दी
हाथ उठा ठुकाई कर रही है
गुंडई के रास्ते पर कदम धर रही
यह भी देखो अब ढिठ हो रही
लड़कों के नक़्शे-कदम पर चल रही
देखो इनकी ढिठाई
अपने ही साथी की mms बनाई
देखकर लडकियों की हालत यह
सर शर्म से झुक गया यह बात कह
कंधे से कन्धा मिलाते-मिलाते
भटक गयी है ये अपने रास्ते
औरत की करे जो कभी बुराई
सविता करती थी उससे लड़ाई
आज अपनी जाति पर हमें
गर्व से ज्यादा शर्म है
कुछ ऐसी बयार है आयी
लड़कियों के उप्पर भी गुंडई छाई |
..सविता मिश्रा