फुसफुसाने की आवाज सुन काजल जैसे ही पास पहुँची सुना कि -तुम आ गये न, मैं
जानती थी तुम जरुर आओगें, सब झूठ बोलते थे, तुम नहीं आ सकते अब कभी|
"भाभी आप किससे बात कर रही हैं कोई नहीं हैं यहाँ"
"अरे देखो ये हैं ना खड़े, जाओ पानी ले आओ अपने भैया के लिय बहुत प्यासे है|"
डरी सी अम्मा-अम्मा करते ननद के जाते ही भाभी गर्व से मुस्करा दी| .........सविता मिश्रा
"भाभी आप किससे बात कर रही हैं कोई नहीं हैं यहाँ"
"अरे देखो ये हैं ना खड़े, जाओ पानी ले आओ अपने भैया के लिय बहुत प्यासे है|"
डरी सी अम्मा-अम्मा करते ननद के जाते ही भाभी गर्व से मुस्करा दी| .........सविता मिश्रा
3 comments:
बहुत बहुत आभार सुशील भैया आपका ....आपकी उपस्थिति हमे हमे संबल प्रदान करती है यूँ ही मार्गदर्शन करते रहे~~~
कुटिल चालें ... अच्छी लघु कहानी ...
बहुत बहुत आभार दिगम्बर भैया आपका ....आपकी उपस्थिति हमे हमे संबल प्रदान करती है यूँ ही मार्गदर्शन करते रहे~~सादर नमस्ते
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