हमारे लिए शादी और गौने के
बीच की दीवार भी ना थी
दोनों एक ही साथ
निपटा दिए गये थे
घुघट में उनके दरवाजे
पर दस्तक दे चुके थे
जिन्हें कभी देखे ही न थे
दिल के दरवाजे नहीं खोले थे
शादी के महीनों बाद तक
मस्तमौला थे
नहीं संजोये थे
सपने किसी के लिए
अब जागती आँखों से
सपना सा देख रहे थे
अपने ही सामने पर
नहीं देखा था
खुली आँखों से
महीनों तक
सपनों के राजकुमार को
शर्म से नजरे
झुकी होती थी
आवाज को
बखूबी पहचान लेते थे
निगाहों से निगाहें
मिली ना थी
तो आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
गाना भी नहीं गुनगुना सकते थे
क्योकि मोहब्बत
किस चिड़िया का नाम हैं
नहीं समझते थे तब तक
प्यार परवान भी ना चढ़ा था
समय के साथ
परवान चढ़ता गया
अब इतना परिपक्व हो गया
कि किसी की भी लगायी आग का
असर नहीं होता हैं
अपने प्यार को देख
लगता है कि
सही कह गये कुछ सयाने
मध्यम आंच में खीर
खूब मीठी बनती है| सविता
बीच की दीवार भी ना थी
दोनों एक ही साथ
निपटा दिए गये थे
घुघट में उनके दरवाजे
पर दस्तक दे चुके थे
जिन्हें कभी देखे ही न थे
दिल के दरवाजे नहीं खोले थे
शादी के महीनों बाद तक
मस्तमौला थे
नहीं संजोये थे
सपने किसी के लिए
अब जागती आँखों से
सपना सा देख रहे थे
अपने ही सामने पर
नहीं देखा था
खुली आँखों से
महीनों तक
सपनों के राजकुमार को
शर्म से नजरे
झुकी होती थी
आवाज को
बखूबी पहचान लेते थे
निगाहों से निगाहें
मिली ना थी
तो आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
गाना भी नहीं गुनगुना सकते थे
क्योकि मोहब्बत
किस चिड़िया का नाम हैं
नहीं समझते थे तब तक
प्यार परवान भी ना चढ़ा था
समय के साथ
परवान चढ़ता गया
अब इतना परिपक्व हो गया
कि किसी की भी लगायी आग का
असर नहीं होता हैं
अपने प्यार को देख
लगता है कि
सही कह गये कुछ सयाने
मध्यम आंच में खीर
खूब मीठी बनती है| सविता
2 comments:
अभिव्यक्ति का यह अंदाज निराला है. आनंद आया पढ़कर.
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