झांकते नहीं
गिरेबान अपना
दोषी दूसरा |...सविता मिश्रा
वक्तव्य देते
तन वसन पूरा
क्या बच जाती |..सविता मिश्रा
चिल्लाते रहे
ठेकेदार समाज
कपड़े कम |सविता मिश्रा
हुआ हादसा
अर्धनग्न थी वह
ठहाके लगे |सविता मिश्रा
गिरा आचार
क्या नहीं हो रहा
मासूम साथ |..सविता मिश्रा
दोषी औरत
ठहराते आदमी
कमी छुपाते |..सविता मिश्रा
माक़ूल नहीं
दोज़खी हर कही
संभल नारी |सविता मिश्रा
विक्षिप्त हुआ
मानुषिक विचार
आरज लुप्त |सविता मिश्रा
दोषारोपण
दूजे के मथ्थे मढ़
महामति थे |सविता मिश्रा
दोष खुद का
छिद्रान्वेषी मानव
भीड़ ऐसे की |सविता मिश्रा
गिरेबान अपना
दोषी दूसरा |...सविता मिश्रा
वक्तव्य देते
तन वसन पूरा
क्या बच जाती |..सविता मिश्रा
चिल्लाते रहे
ठेकेदार समाज
कपड़े कम |सविता मिश्रा
हुआ हादसा
अर्धनग्न थी वह
ठहाके लगे |सविता मिश्रा
गिरा आचार
क्या नहीं हो रहा
मासूम साथ |..सविता मिश्रा
दोषी औरत
ठहराते आदमी
कमी छुपाते |..सविता मिश्रा
माक़ूल नहीं
दोज़खी हर कही
संभल नारी |सविता मिश्रा
विक्षिप्त हुआ
मानुषिक विचार
आरज लुप्त |सविता मिश्रा
दोषारोपण
दूजे के मथ्थे मढ़
महामति थे |सविता मिश्रा
दोष खुद का
छिद्रान्वेषी मानव
भीड़ ऐसे की |सविता मिश्रा
11 comments:
बहुत खूब !
सभी हाइकू लाजवाब ... कुछ शब्दों में गहरी बात ...
सुशील भैया नमस्ते आभार दिल से :)
दिगम्बर भैया बहुत बहुत शुक्रिया .......नमस्ते
सभी हाइकु अद्भुत भावों को व्यक्त करते हैं...सामयिक स्थितियों की बहुत भावनात्मक प्रस्तुति है और व्यक्त रचनाओं में जो अव्यक्त पीड़ा है वह ह्रदय तक संप्रेषित होती है...बहुत बहुत आभार सविता बहन का इतनी सुन्दर रचनाएँ साझा करने के लिए...
superb
श्रवण भैया नमस्ते .....बहुत आभार आपका
नीलिमा sis आभार दिल से
सभी हाइकू लाजवाब
संजय भाई बहुत बहुत आभार
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