Monday 24 August 2015

~~दर्द~~

"कितनी कोशिश की पर नहीं लिख पा रही। ये कथा भी झन्नाटेदार लघु कथा नहीं बन पा रही। "कथा सुनाती हुई अपनी सखी से रूबी बोली
"अरे क्यों !! तुम कितना अच्छा तो लिखी हो रूबी। हमें तुम्हारी लेखनी में तो जादू सा अहसास होता हैं। बहुत दमदार लिखती हो।"
तभी बगल में बैठे बुजुर्ग ने कहा , "अच्छा विषय चुना कोशिश करती रहो ।"
"ऐसा क्या करूँ कि अपने अच्छे विषय को परफेक्ट बना सकूँ अंकल जी।"
"कुछ नहीं बेटा बस एक चुनौती की तरह लो फिर देखो कमाल। झन्नाटेदार कथा लिखने की कोशिश के बजाय , अपने दिल पर झन्नाटेदार थप्पड़ महसूस करो। " सविता

1 comment:

दिगम्बर नासवा said...

वाह ... क्या बात है ... दिल पर महसूस करो तो अपने आप लिखा जायगा ...