Tuesday, 15 September 2015

बदहाल हिंदी

सब जगह बस तू ही तू ....मेरा अस्तित्व तो बस किताबो में रह गया ...वहां भी तेरा ही घुसपैठ ..मेरी कराह कोई सुन कहाँ रहा...जो सुन रहा वो तेरी ही भाषा में बोल रहा....वेट ऐंड वाच या फिर टेक केयर कह निकल जा रहा..मेरे को बचाने कोई मसीहा आएगा क्या कभी!!!!
उम्मीद पर दुनिया कायम हैं और मैं भी...जल्दी आना वो मेरे मसीहैं ☺☺☺तेरी बदहाल हिंदी
सविता मिश्रा

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