किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत ..कोई कवियत्री नहीं हैं हम | अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:)
Saturday, 21 July 2018
अलविदा😢 न कहना!
हिंदी साहित्य का दरख़्त धराशायी हो गया बीमारी के कारण, नहीं तो शायद अभी और कुछ साल तनकर खड़ा हो अपने गीतों के जरिये झूमता। श्रधांजलि💐#अक्षजा
लिखे जो खत तुझे, तेरी याद में...!😢
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