दृष्टि पत्रिका को पढ़ते हुए अपनी दृष्टि...😊
सब नामों में जी-जी लगाकर हमारे मत को पढ़ना
हमें उदंड, असंस्कारी कहकर कोई नाराज मत होना । ------
बलराम मेहनत करके किए एक असाधारण खगोलीय खोज
कोने-कोने से खोज लिए महिलाओं की एक लंबी-सी फौज ।
मार्टिन जान ने चार - चांद का कराया हमें दृष्टि-भान
उनके रेखा-चित्रों ने नव-दृष्टि का दिया हमको वरदान।
माधव नागदा ने हमारी कमी को लिया जैसे ताड़
हमने भाषा का इंद्रधनुष पढ़ा कई-कई बार ठाढ़।
लता के प्रश्नोत्तरी तो अब हमें बड़ा ही लुभाते हैं
शकुंतला के जवाब हमारा पथ-प्रदर्शन करवाते हैं ।
अशोक भाटिया ने जिस-जिस लघुकथाओं का किया जिक्र
उन्हें पढ़ने के लिए हमने किया यत्र-तत्र ही अथक परिश्रम ।
दो-चार भी न मिली कहीं पर वो लघुकथाएं हमको
अशोक वाटिका में भटक दृष्टि में हम पुनः अटको।
दृष्टि ने महिलाओं के भावनाओं की सच्ची-सुंदर-प्यारी कश्तियां बनाई
अशोक-कांता ने महिला विशेषांक के समुंदर में उन्हें बड़े करीने से तैराई।
दृष्टि महिला-विशेषांक की लघुकथाओं का किया जो हमने मनन
लगा घर-गृहस्थी की दहलीज भीतर कर रहीं हों वो अभी बतकुचन।
लघुकथाओं का सार जो भी निकले बस निकलता ही रहें
दृष्टि लघुकथा का विशेषांक यूँ ही सदा फलता-फूलता रहें। 😊😊
आभार शुक्रिया
सविता मिश्रा 'अक्षजा'
सब नामों में जी-जी लगाकर हमारे मत को पढ़ना
हमें उदंड, असंस्कारी कहकर कोई नाराज मत होना । ------
कोने-कोने से खोज लिए महिलाओं की एक लंबी-सी फौज ।
मार्टिन जान ने चार - चांद का कराया हमें दृष्टि-भान
उनके रेखा-चित्रों ने नव-दृष्टि का दिया हमको वरदान।
माधव नागदा ने हमारी कमी को लिया जैसे ताड़
हमने भाषा का इंद्रधनुष पढ़ा कई-कई बार ठाढ़।
लता के प्रश्नोत्तरी तो अब हमें बड़ा ही लुभाते हैं
शकुंतला के जवाब हमारा पथ-प्रदर्शन करवाते हैं ।
अशोक भाटिया ने जिस-जिस लघुकथाओं का किया जिक्र
उन्हें पढ़ने के लिए हमने किया यत्र-तत्र ही अथक परिश्रम ।
दो-चार भी न मिली कहीं पर वो लघुकथाएं हमको
अशोक वाटिका में भटक दृष्टि में हम पुनः अटको।
दृष्टि ने महिलाओं के भावनाओं की सच्ची-सुंदर-प्यारी कश्तियां बनाई
अशोक-कांता ने महिला विशेषांक के समुंदर में उन्हें बड़े करीने से तैराई।
दृष्टि महिला-विशेषांक की लघुकथाओं का किया जो हमने मनन
लगा घर-गृहस्थी की दहलीज भीतर कर रहीं हों वो अभी बतकुचन।
लघुकथाओं का सार जो भी निकले बस निकलता ही रहें
दृष्टि लघुकथा का विशेषांक यूँ ही सदा फलता-फूलता रहें। 😊😊
आभार शुक्रिया
सविता मिश्रा 'अक्षजा'
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