Wednesday 15 August 2018

आरक्षण का तीर

आप सब विद्वानों में हम बहुत छोटे हैं घर-गृहस्थी के दायरे में बन्द, लेकिन फिर भी विचार देने धृष्टता कर रहे हैं....,🙏

आरक्षण वह औजार है जिससे देश की प्रगति-गौरव की नाव में लगातार छेद-पर-छेद किया जा रहा। अब तो धीरे -धीरे ये नाव डूब रही है और नाव को ठीक करने वाले खुद को कोसते हुए किनारे खड़े उसको डूबता हुआ देख रहे हैं।
एक दिन आएगा जब सब पछतायेंगे लेकिन तब पछताने से आखिर होगा क्या । मेरे भारत सोन चिरैया के पंख फिर से नोंच लिए जाएंगे। नोंचने वाले गैर नहीं अपने ही होंगे। कुछ कुर्सी के मद में नोचेंगे, कुछ कुर्सी न पाने की कोफ्त में। हर हाल में चोट तो अपने देश को ही लगेगी।

जाति-जाति करते-करते लुट गया अपना तो देश
प्रतिभाएं पलायन करके बस रही जाकर परदेश । सविता मिश्रा 'अक्षजा'

शब्द निष्ठा हवाट्स एप ग्रुप पर आज अभी-अभी लिखकर डाले...15/8/2018

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