दिल की गहराइयों से

किसी के दिल को छू जाए ऐसा कोई भाव लिखने की चाहत ..कोई कवियत्री नहीं हैं हम | अपने भावों को शब्दों का अमलीजामा पहनाते हैं बस .:)

Thursday, 27 March 2014

मन का गुबाhttp://www.blogger.com/र : कुछ मन की भड़ास

मन का गुबार : कुछ मन की भड़ास
Posted by सविता मिश्रा 'अक्षजा' at 16:51:00
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~मैं सूरज नहीं हूँ~

मैं सूरज नहीं हूँ कि ...
अपनी प्रकाश की किरणे
बिखेर दूँ |

मेरा नाम
अवश्य सूर्य का संबोधन है,
पर मैं सूरज नहीं हूँ |

अगर अपने नाम का
थोड़ा अंश भी होता मुझमें ,
तो मैं भारत में रोशनी बिखेरती |

अँधेरे में प्रकाश फैलाती ,
अन्धों कों रास्ता दिखाती |

अगर अंधकार बस
मार्ग भटकता कोई ,
तो मैं उसे अँधेरे से निकाल
सही रास्तें पर लाती,
मगर अफ़सोस कि ..
मैं सूरज नहीं हूँ |

||सविता मिश्रा ||
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