पति-पत्नी
में छोटी सी बात पर, बहस इतनी बढ़ गयी कि बसंत ने अलमारी में रक्खी रिलाल्वर
निकाल ली| अपनी कनपटी पर तान सुधा को धमकाने लगा| सुधा अनुनय-विनय करती रही
पर शराब का नशा सर चढ़ कर बोल रहा था| वह भ्रम में था कि हमेशा की तरह रिवाल्बर चलेगी
नहीं, और विजयी मुस्कान उसके चेहरे पर दौड़ रही होगी| उसका
अहम् जीत जायेगा| यही सोच उसने ट्रिगर दबा दिया, पर होनी को कुछ और ही
मंजूर था| मिस फायर करने वाली रिवाल्बर आज....|
उसकी जान की दुश्मन रिवाल्बर की गोली इसी दिन की घात लगाये बैठी थी| आज वह सफल हो इठला रही थी पर घर में मातम पसर गया था|
++ सविता मिश्रा ++
उसकी जान की दुश्मन रिवाल्बर की गोली इसी दिन की घात लगाये बैठी थी| आज वह सफल हो इठला रही थी पर घर में मातम पसर गया था|
++ सविता मिश्रा ++
5 comments:
very nice
इसलिए कहते हैं छोटी छोटी बातों पे ध्यान नहीं देना चाहिए ...
और खतरनाक चीज़ों से खेलना नहीं चाहिए ...
सुशील भैया सादर नमस्ते ...........आभार
मधु sis आभार apka
दिगम्बर भैया सादर नमस्ते ...........आभार
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