Sunday 7 September 2014

कक्षोन्नति -

"सिर्फ अस्सी, अंग्रेजी मेsडियम में पढ़कर भी सीटू तेरे इतने कम नम्बर आये हैं अंग्रेजी में !"  माँ थोड़ी नाराज होते हुए बोली।
"मम्मी, आपकी अंग्रेजी तो कितनी कमजोर है ! इंग्लिश मीडियम होता है।" स्वीटी मम्मी को अंग्रेजी का एक शब्द अटकते हुए बोलती सुनी तो बोल पड़ी।
"बताइए न मम्मी,आप पढ़ने में कैसी बच्ची थीं? तेजतर्रार या कमजोर?" बगल बैठा सीटू जिद करके पूछने लगा।
"अच्छा सुन ! बताती हूँ ! बात उन दिनों की है जब मैं चौथी कक्षा में थी | अंग्रेजी विषय तो जैसे अपने छोटी सी बुद्धि में घुसता ही न था|"
"अच्छा, तभीss..!"
"अंग्रेजी की टीचर भी बड़ी खूसट किस्म की थी। मारना और चिल्लाना ही उनका ध्येय था| उनके क्लास में आते ही सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती थी अपनी|"
हां, हां, जोर से हँस पड़ा बेटा।
" हँस मत, जिस दिन रीडिंग का पीरियड होता था , उस दिन जान हलक में अटकी रहती थी | अपनी बारी ना आये, भगवान से प्रार्थना ही करती रहती थी। एक दिन रीडिंग करने खड़ी हुई तो नाम मात्र जो आता भी था, वह भी डर से बोल नहीं पा रही थी मैं |"
"यह था, मेरी माँ हिटलर की तो डर गया था!" स्वीटी बोली
"हुउss, तब दो बार तो कस के डांट पिलाई टीचर ने | डांट खाते ही दिमाग तो जैसे घास चरने चला गया| अब तो बोलती ही बंद | इतना अटकी ..इतना अटकी...कि क्या बताऊँ ..! बड़ी तन्मयता से किताब को घूर रही थी बस, खोपड़ी पर डंडा जब बरसा तब तन्मयता टूटी अपनी| उनका डर इतना था कि चीख हलकी सी ही निकली, पर आँखों से आंसू, झरने सा बहा था मेरे |"
वनिता ने जैसे ही बोलना बंद किया कि बच्चे हँस लिए, "मम्मी आप इतनी कमजोर थी पढ़ने में, और हमें कहती है नम्बर हम कम लाते हैं!"
"अच्छा मम्मी, क्लास में कौन सी पोजीशन आती थी आपकी ?"
"अरे बच्चों, यह मत ही पूछो! कोई औसत दर्जे का छात्र....
बात काटते हुए तभी बच्चों के पापा तपाक से बोले- " और तुम्हारी मम्मी तो कक्षा में उन्नति करती थी |"
"मतलब ?" सीटू बोला
"मतलब कक्षोन्नति आती थी तुम्हारी मम्मी! जिसका मतलब निकालती थी कि इन्होंने कक्षा में उन्नति की है| जबकि मतलब था ग्रेसमार्क्स पाकर किसी तरह पास हो गयीं हैं उस कक्षा में |"
उनकी बात सुनकर पूरे माहौल में ठहाका गूँज गया| वनिता भी सर झुका हँसते हुए बोली- "तब के जमाने में 33% ले आकर पास हो जाना भी बड़ी बात होती थी!"
"हाँ, किन्तु ..!
"कक्षोन्नति तो अंग्रेजी, हिन्दी के कारण आती थी मैं।" ..सविता मिश्रा 

8 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

अच्छा है :)

सुशील कुमार जोशी said...

अच्छा है :)

सविता मिश्रा 'अक्षजा' said...

शुक्रिया आपका सुशील भैया दिल से

दिगम्बर नासवा said...

निर्मल हास्य लिए संस्मरण ...

सविता मिश्रा 'अक्षजा' said...

शुक्रिया आपका दिगम्बर भैया दिल से _/\_

Unknown said...

Acha likha hai.Bura na maane to jaraa spellings par dhyaan de.Vinnie

Unknown said...

Acha likha hai.Bura na maane to jaraa spellings par dhyaan de.Vinnie

सविता मिश्रा 'अक्षजा' said...

shukriya apka ...ji jarur ..pra kahan galti hai yah bhi bta detin to kitna achaa tha