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चाहत है यही
तुम्हारें लिए
२२- राम राम कहते आई
मंदिर में बस
तुम्हारें लिए
२३-स्नान किया गंगा में
पापमुक्ति नहीं बस
तुम्हारें लिए
२४-आभार खेल क्यों खेलेगें
आभार देते हम
तुम्हारें लिए
२५-फायकु का नशा चढ़ा
हर कही दिखा
तुम्हारें लिए
२६-खोयी यादों में तेरी
आंसू बहाती बस
तुम्हारें लिए
२७-जग हँसा बस मैं रोई
ममता जागी बस
तुम्हारें लिए
२८-भैया की लाडली ठहरी
किया सब कुछ
तुम्हारे लिए
२९-पिता के आँखों का तारा
छोड़ा घर उनका
तुम्हारें लिए
३०-माँ के कलेजे का
टुकड़ा सब छोड़ा
तुम्हारें लिए
सविता मिश्रा
२४-आभार खेल क्यों खेलेगें
आभार देते हम
तुम्हारें लिए
२५-फायकु का नशा चढ़ा
हर कही दिखा
तुम्हारें लिए
२६-खोयी यादों में तेरी
आंसू बहाती बस
तुम्हारें लिए
२७-जग हँसा बस मैं रोई
ममता जागी बस
तुम्हारें लिए
२८-भैया की लाडली ठहरी
किया सब कुछ
तुम्हारे लिए
२९-पिता के आँखों का तारा
छोड़ा घर उनका
तुम्हारें लिए
३०-माँ के कलेजे का
टुकड़ा सब छोड़ा
तुम्हारें लिए
सविता मिश्रा
2 comments:
bahut sunder
dhanyvaad .......
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