Thursday, 15 August 2013

@@तिरंगे का दर्द @@

देश अपना आज के ही दिन स्वतंत्र हुआ था इस लिए उन देश के शहीदों को स्रंधाजली देते हुए आप सभी को उस स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई ........और यह प्रभु से प्रार्थना की स्वस्वार्थ के लिए जीना छोड़ देश के लिए जियें जिस दिन ऐसा होगा भगत सिंह चन्द्र शेखर आजाद अब्दुल हमिद नेता जी जैसे देश भक्त जहा कही होगें हम पर गर्व करेगें .... आज तो बस हम स्वछंद हैं स्वतंत्र नहीं|..सविता

रात और सुबह बारिश कर बादल भी अपने देश की यह हालत देख रो पड़ा..



शान तिरंगे की खायी वीरों ने गोलियाँ
 इज्जत ना की देशद्रोहियों की टोलियाँ|

इधर-उधर पड़ा चाट रहा धूल  देखो आज
जो भारत के बेटों  का होता था कभी ताज|

हुई धूमिल अब तिरंगे की मर्यादा
खून चूसने वाले देश में हुए ज्यादा|

क्या कोई आँखों में तिरंगे की पाया देख
फहराता शख्स वह जिसमें कई मीन मेख|

देख तिरंगे को शहीदों की आँखें हुई नम
मिली नजरें जब गर्व से तिरंगा गया तन|

पूष्पवर्षा संग तिरंगा आंसू बहाता हैं
देश भक्त कोई क्यों नहीं फहराता हैं|

देश भक्त कैसे-कैसे हो रहे पैदा
सोच अपने आप पर होता शर्मिंदा|

लहराता था गर्व से कभी उन हाथों में
वीर शहीदों के लिय रोता हैं अब रातों में|

कहाँ गर्व से कोई तिरंगा शान से लहराये
अब तो सब के सब मज़बूरी में ही फहराये|

दिन दो मिलता तिरंगे को मान सम्मान
फिर शहीदों जैसा होता हर दिन अपमान|

तिरंगे को शहीदों की तरह गुमनामियों में खोना
यह आज का मानव हैं बिन स्वार्थ किसी का नहीं होना|...... सविता मिश्र


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