Tuesday 20 August 2013

++प्रीत की रीति बड़ी अनमोल ++


२....प्रीत की रीती
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प्रीत की रीती बड़ी अनमोल
मन की आँखे तू जरा खोल||
भ्रात-प्रेम रस में डूबी बातें देख
तहे दिल में छुपे जज्बात देख ||

क्रोधाग्नि में भी हो तो बहन ढाल होती हैं
कोई आँखे तरेरे उस पर तो भाल होती हैं|
प्रेम से परिपूर्ण माँ के समकक्ष होती हैं
भाई के लिए बहन ही मिसाल होती हैं|
हँसता-खिलखिलाता हुआ देख भाई को
बहन तो हमेशा ही निहाल होती हैं||

प्रीत की रीती बड़ी अनमोल
मन की आँखे तू जरा खोल||

भ्रात-प्रेम रस में डूबी बातें देख
प्यार में डूबा भाई बहन का क्रंदन देख|
यह प्रेम कब दिलो दिमाक से मिटता हैं
सुखी-संपन्न देख भाई को अपने
बहन के दिल को सुकून मिलता हैं|
भाई पर चिल्लाकर बरस जाना
उसमे भी बहन का प्यार ही झलकता हैं|

देखना हैं तो मन की आँखों से देख
प्यार का सागर भरा दिल में यह देख||

प्रीत की रीती बड़ी अनमोल
मन की आँखे तू जरा खोल||
भ्रात-प्रेम रस में डूबी बातें देख
यह प्रेम कब दिल से मिटता हैं||..सविता मिश्रा
आप सभी को रक्षाबंधन की बहुत बहुत बधाई भगवान् करे यह पावन पर्व प्रत्येक दिन आप सब के दिलो में बसा रहें और भाई बहन का निर्मल प्यार सदा बना रहें|
रक्षाबंधन अपनी गरिमा को इस तड़क -भड़क- दौड़ती- भागती जिन्दगी में खो ना दे ...सदा यह पावन पर्व भाई बहन के अहसास को बनाये रक्खे...इस आशा के साथ एक बार पुनः आप सभी को दिल से बधाई ..ढेर सारी शुभकामनायें ..:) :)सविता 


1 comment:

सविता मिश्रा 'अक्षजा' said...

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