"ये बहुत अन्याय हो रहा है मेहनत से लिखो , सब वाह वाह कर सरक लेंते हैं |"
"अरे तो इसमें अन्याय कहाँ हैं आपकी रचना के साथ न्याय ही तो हैं | मन ही मन तो खुश होती हैं | फिर ये दिखावटी नाराजगी क्यों ? " सखी विमला चुटकी लेंते हुय बोलीं
" ये नाराजगी दिखाती ही हूँ न्याय पाने के लिय .." .......सविता मिश्रा
"अरे तो इसमें अन्याय कहाँ हैं आपकी रचना के साथ न्याय ही तो हैं | मन ही मन तो खुश होती हैं | फिर ये दिखावटी नाराजगी क्यों ? " सखी विमला चुटकी लेंते हुय बोलीं
" ये नाराजगी दिखाती ही हूँ न्याय पाने के लिय .." .......सविता मिश्रा
1 comment:
बहुत ही सुंदर रचना।
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