1. वाह भगवान् अब हद कर दी
बनाये शैतान या रब हद कर दी।
2..मरीज हुए हैरान परेशान
तेरी कटी रात पब हद कर दी|
3..आंसुओ से भी तू ना पिघला
पत्थर दिल तूने अब हद कर दी|
4..चीखते चिल्लाते रहे मरीज
दर्द समझोगे कब हद कर दी|
5...दर्द सह नहीं पायेगे ज्यादा
मर ही जायेगे सब हद कर दी|
6..उठाते मज़बूरी का फायदा
भुनाये जख्म तब हद कर दी|
7. मौत से हुए जो रू-ब-रू लोग,
चीख़ उठे सारे लब हद कर दी।
8. तड़पता देख कह उठी 'सविता'
ज़िन्दगी तूने तो अब हद कर दी। ....सविता मिश्रा
बनाये शैतान या रब हद कर दी।
2..मरीज हुए हैरान परेशान
तेरी कटी रात पब हद कर दी|
3..आंसुओ से भी तू ना पिघला
पत्थर दिल तूने अब हद कर दी|
4..चीखते चिल्लाते रहे मरीज
दर्द समझोगे कब हद कर दी|
5...दर्द सह नहीं पायेगे ज्यादा
मर ही जायेगे सब हद कर दी|
6..उठाते मज़बूरी का फायदा
भुनाये जख्म तब हद कर दी|
7. मौत से हुए जो रू-ब-रू लोग,
चीख़ उठे सारे लब हद कर दी।
8. तड़पता देख कह उठी 'सविता'
ज़िन्दगी तूने तो अब हद कर दी। ....सविता मिश्रा
17 comments:
हद है हद कर दी !
बहुत खूबसूरत
सुशील भैया नमस्ते ............आभार
अभिषेक भाई शुक्रिया आपका
बहुत खूब ... पत्थर दिल ने हद तो कर ही दी ...
अर्थपूर्ण सभी शेर ..
बहुत अच्छी रचना
हद कर दी बहन
अति सुन्दर ............. 'बस चीत्कार उठे लब हद कर दी' ......आपकी रचना में एक सच्चे मानव का दर्द झलकता है
digmbar bhaiya bahut bahut shukriya aapka ...namste
विभा दी नमस्ते .....बहुत बहुत शुक्रिया ...ज्यादा हद तो नहीं की न :P
सुरेश भैया नमस्ते .....बहुत बहुत शुक्रिया .....आपका ब्लॉग भी है बढ़िया
सुरेश भैया नमस्ते .....बहुत बहुत शुक्रिया .....आपका ब्लॉग भी है बढ़िया
बेहतरीन अभिवयक्ति.....बहुत ही अर्थपूर्ण
बहुत सुन्दर...
संजय भाई आभार आपका
कैलाश भैया नमस्ते .....दिल से शुक्रिया
वाह ,
अनूठापन है रचना में ! बधाई आपको !
satish bhaiya abhar dil se ..namste
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