Monday 22 October 2012

---शान से जीयें है---

शान से जीये है शान से ही मरना चाहेंगे,
ना ही किसी के आगे झुकें है ना ही झुकना चाहेंगे |
जो गलत लगता है उसे गलत ही कहना चाहेंगे,
गलत को सही तो बिल्कुल ही नहीं कहना चाहेंगे|
मुहं लगता है जो उसका मुहं तोड़ देना चाहेंगे,
हमारें अहं को जो ठेस पहुचायें उसे छोड़ देना चाहेंगे |
मान करता है जो हमारा उसे ही सम्मान देना चाहेंगे,
अपमान तो हम बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पायेंगे |
शान से जीयें है शान से ..................

माना कुछ बुराइयाँ है हमारे अंदर
परन्तु अब तो उसी के साथ जीना चाहेंगे ,
मौत आई तो मौत को गले लगा जिन्दगी को ठुकराना चाहेंगे |
प्यार से बोलता है जो उसके लिए मर-मिटना चाहेंगे,
थोड़ा भी आँख दिखाएँ तो आँख फोड़ देना  चाहेंगे|
जो अच्छा है उसके लिए वात्सल्य की देवीं बनना चाहेंगे,
बुरें के लियें तो हम काली बनने में भी देर नहीं लगायेगें |
शान से जीयें है शान से..............+++ सविता मिश्रा +++

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