"पिछले जन्म में कोई न कोई पाप किया होगा जो किन्नर रूप में जन्म हुआ | "
अपनी पड़ोसी की बेटी निशी को जब तब कोसती रहती शीला | निशी की परछाई भी अपने
बेटे पर ना पड़ने देती |
यही सुन -देख बड़ा हुआ था बंसी | आज चारपाई पे पड़ा गाने पर मटक रहा था तभी माँ बाहर से आते ही उस पर चिल्लाने लगी |
" जिसकी किस्मत में नाचना गाना लिखा था वह देश सँभालने की बात रही है ,और तू जिसके लिय क्या-क्या सपने सजाये थे निठल्ला बैठा गानों पर मटक रहा है |
जरुर पिछले जन्म में कोई पुन्य किये होगें उसके माँ-बाप ने | जो किन्नर ही सही निशी जैसी बेटी जन्मी | हिंजड़ा है तो क्या हुआ , है तो इंसान ही | नाम रोशन कर रही है| कुछ सीख उससे |" गुस्से में बोलती जा रही थी शीला
"आज फिर भाषण सुन के आई हो ना अम्मा मेयर निशी महारानी का " कह व्यस्त हो गया गाने सुनने में | ..सविता मिश्रा
यही सुन -देख बड़ा हुआ था बंसी | आज चारपाई पे पड़ा गाने पर मटक रहा था तभी माँ बाहर से आते ही उस पर चिल्लाने लगी |
" जिसकी किस्मत में नाचना गाना लिखा था वह देश सँभालने की बात रही है ,और तू जिसके लिय क्या-क्या सपने सजाये थे निठल्ला बैठा गानों पर मटक रहा है |
जरुर पिछले जन्म में कोई पुन्य किये होगें उसके माँ-बाप ने | जो किन्नर ही सही निशी जैसी बेटी जन्मी | हिंजड़ा है तो क्या हुआ , है तो इंसान ही | नाम रोशन कर रही है| कुछ सीख उससे |" गुस्से में बोलती जा रही थी शीला
"आज फिर भाषण सुन के आई हो ना अम्मा मेयर निशी महारानी का " कह व्यस्त हो गया गाने सुनने में | ..सविता मिश्रा
5 comments:
bahut badhiya ....
बहुत सटीक..
समय कैसे बदल जाता है ...
बेहद अच्छी रचना
बेहद अच्छी रचना
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