Friday 20 February 2015

~~बदलाव ~~

"पिछले जन्म में कोई न कोई पाप किया होगा जो किन्नर रूप में जन्म हुआ | " अपनी पड़ोसी की बेटी निशी को जब तब कोसती रहती शीला | निशी की परछाई भी अपने बेटे पर ना पड़ने देती |

यही सुन -देख बड़ा हुआ था बंसी | आज चारपाई पे पड़ा गाने पर मटक रहा था तभी माँ बाहर से आते ही उस पर चिल्लाने लगी |

" जिसकी किस्मत में नाचना गाना लिखा था वह देश सँभालने की बात रही है ,और तू जिसके लिय क्या-क्या सपने सजाये थे निठल्ला बैठा गानों पर मटक रहा है |
जरुर पिछले जन्म में कोई पुन्य किये होगें उसके माँ-बाप ने | जो किन्नर ही सही निशी जैसी बेटी जन्मी | हिंजड़ा है तो क्या हुआ , है तो इंसान ही | नाम रोशन कर रही है| कुछ सीख उससे |" गुस्से में  बोलती जा रही थी शीला

"आज फिर भाषण सुन के आई हो ना अम्मा मेयर निशी महारानी का " कह व्यस्त हो गया गाने सुनने में | ..सविता मिश्रा

5 comments:

nayee dunia said...

bahut badhiya ....

Kailash Sharma said...

बहुत सटीक..

दिगम्बर नासवा said...

समय कैसे बदल जाता है ...

शिव राज शर्मा said...

बेहद अच्छी रचना

शिव राज शर्मा said...

बेहद अच्छी रचना