१--झींगुर मरा
चीटियाँ खींचती हैँ
भार से भारी।
भार से भारी।
२--फड़फड़ा के
बल्ब के आसपास
मरे पतंगे।
बल्ब के आसपास
मरे पतंगे।
३--नाला घर में
बरसात का पानी
ज्यों ही भरता।
४--घनेरी वर्षानाला उफन आताज्यों ही भरता
५--आग भड़की
जले दरिंदे
पहचान मुश्किल
जले दरिंदे
पहचान मुश्किल
6--अनगढ़ पत्थर
घिसता जब पानी
गढ़ ही देता!
घिसता जब पानी
गढ़ ही देता!
७--पानी की बूँद
लगातार पड़ती
भेद ही देती।
लगातार पड़ती
भेद ही देती।
८--तुम लिखती
मैं पढता रहता
सौंदर्य तेरा।
मैं पढता रहता
सौंदर्य तेरा।
९--हुआ ये हुआ
दिमाग में बिठा दी
सत्य ही लगा।
दिमाग में बिठा दी
सत्य ही लगा।
..सविता मिश्रा 'अक्षजा'
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