दादी के घर माँ-बेटी सालो बाद पहुंचे तो दादी खुश तो खूब हुई । पर थोड़ी ही दिनों में उनकी ख़ुशी काफूर हो गयी, जब नन्ही बच्ची पुरानी तस्वीरों से एक तस्वीर पर अटक गयी |
"एक तीज व्रत रखने को कहा, तो देखो तुम्हारी मम्मी कैसे आंसू बहाती हुई पूजा में बैठी है | "
"पर दादी , मम्मी तो अब ना जाने कौन-कौन से व्रत रखती है | एक व्रत में इतना क्यों रोयेगी भला |"
"क्यों नहीं रखेगी अब , पहले रखा होता तो शायद अब इतने व्रत न रखने पड़ते |" दादी , माँ की तरफ घृणा भरी तिरछी निगाहों से देखती हुई बोली | .सविता मिश्रा
1 comment:
बहुत कम शब्द बेहद गहरी बात
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