370 हटाए जाने के प्रस्ताव एक सदन से पास होने की खुशी में जो हल्के फुल्के हास्य चल रहे हैं शोशल मीडिया पर वह किसी की भवनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं है बल्कि अपने अपने ढंग है हंसने बोलने के तरीके हैं उस पर इतनी ज्यादा उथल पुथल उन्हीं के अंदर मच रही जो कि पूर्वग्रह से पीड़ित हैं। 'अक्षजा'
अब इस 370 को लेकर फैलने वाले हास्य को कबड्डी का मैच बताने वाले लेखक को मेरा जवाब---
पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर लिखा गया है यह लेख। भाषायी संयम सिखाने वाले लेखक महोदय दूसरे की आहत भावनाओं से खेलकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं।
ये भाषा संयमी तब क्यों नहीं बने रहने की सलाह दी जाती जब हिन्दू देवी देवता पर और त्योहारों के दिन फूहड़ हास्य लिखे जाते हैं और असहाय होकर ह्वाट्सएप ग्रुपों में और फेसबुक पर घूमते रहते हैं। उन फूहड़ हास्य के विरोध में मसीहा बनकर क्यों नहीं उभरते! तब क्यों नहीं दी जाती जब नारी पर खासकर पत्नियों पर हजारों फूहड़ हास्य चलते हैं । और तब क्यों नहीं दी जाती जब सरदारों को निहायत ही मूर्ख बताने वाले हास्य शोशल मीडिया पर धड़ल्ले से चलते हैं...।
ये भाषा संयमी तब क्यों नहीं बने रहने की सलाह दी जाती जब हिन्दू देवी देवता पर और त्योहारों के दिन फूहड़ हास्य लिखे जाते हैं और असहाय होकर ह्वाट्सएप ग्रुपों में और फेसबुक पर घूमते रहते हैं। उन फूहड़ हास्य के विरोध में मसीहा बनकर क्यों नहीं उभरते! तब क्यों नहीं दी जाती जब नारी पर खासकर पत्नियों पर हजारों फूहड़ हास्य चलते हैं । और तब क्यों नहीं दी जाती जब सरदारों को निहायत ही मूर्ख बताने वाले हास्य शोशल मीडिया पर धड़ल्ले से चलते हैं...।
तब तो सभी इन सबका समर्थन करने वाले मर्यादित लोग हास्य है यार ! हास्य में लो, गंभीरता से नहीं, कहकर खींस निपोर देते हैं।
यदि महज हास्य बस कुछ लाइनें इन दो दिनों से चल रहीं तो सभी अपना दिल बड़ा करिए सरदारों की तरह और इन हल्के फुल्के हास्य को चलने देकर महज मुस्कुरा लीजिए । इस तरह से लोगों की भवनाओं को भड़काकर जहर मत बोइए...😊सविता मिश्रा 'अक्षजा'
यदि महज हास्य बस कुछ लाइनें इन दो दिनों से चल रहीं तो सभी अपना दिल बड़ा करिए सरदारों की तरह और इन हल्के फुल्के हास्य को चलने देकर महज मुस्कुरा लीजिए । इस तरह से लोगों की भवनाओं को भड़काकर जहर मत बोइए...😊सविता मिश्रा 'अक्षजा'
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